शिकारी का साइकिल अभियान – Shakari’s Cycling Adventure – Based on a true story where all their adventure, struggles and journey was told. Shivaprakash or known to his friends as Shakari based on his hometown Shikaripura was a sports minded person, he loves everything about sports and worked on a sport stores after college. During his work he heard news about Delhi hosting the Asian Games, An idea come to his mind. He is going to cycle to Delhi. An adventure of a lifetime, he planned and packed everything necessary and he was joined by a Basavraj who previously cycled on an all-India cycle expedition.
Author: Payoshni Saraf, Illustrator: Allen Shaw
Text and Images from शिकारी का साइकिल अभियान
शकारी एक जगह नह ठहर सकता है। उसे फुटबाल, हॉक, कबी, केट खेलना पसंद था और उसे दौड़ने और साइकल चलाने म मज़ा आता था। उसका असली नाम शवकाश था, लेकन चूंक वह शकारीपुर का रहने वाला था, इसलए उसके दोत उसे शकारी कहकर बुलाते थे।
शकारी ने महावालय से नातक करने केबाद खेल सामी क कान म काम कया। इस काम म वह त रहता था लेकन वह इससे ऊब गया था। वह खेल खेलने केलए लालायत रहता था और हमेशा साहसक काम करने का सपना देखा करता था। शकारी को ऐसा लगता था क उसक जदगी ठहर सी गई है। एक दन शकारी ने रेडयो पर कुछ सुना। “भारत एशयाई खेल क मेज़बानी कर रहा है।”
दली! शकारी ने सोचा, “म कभी भी दली नह गया ँ और मुझे खेल देखने जाना चाहए।” उसकेदमाग म एक शानदार वचार आया। रोमांचकारी अभयान पर जाने का वचार। साइकल चलाने का रोमांचकारी अभयान! “या हो अगर म साइकल चलाकर दली जाऊँ? मने कभी भी इतनी र तक साइकल नह चलाई है। नए शहर और कब से गुजरते ए याा करना रोमांचक होगा।” उसके दोत रचडने इस याा केलए उसे अपनी साइकल द।
शकारी ने अपने माता-पता क अनुमत माँगने केलए उह एक प लखा। पहले वे हचकचा रहे थे। यह बत ही लंबी याा थी और उस समय कोई भी मोबाइल फोन नह होता था। लेकन उसके उसाह को देखते ए उहने उसे अनुमत देद।
शकारी ने अयास करना शु कर दया। वह हर हते २० क.मी. दौड़ता था। वह हर हते ७० क.मी. साइकल चलाता था। अपनी मांसपेशय को मजबूत बनाने केलए वह ायाम करने लगा। वह रोज़ फल, मेवा और पनीर खाता और ध पीता था। उसने हका लेकन समझदारी से अपना सामान बाँधा। उसने एशयाई खेल केलए टकट खरीदे। उसने अपनी याा केमाग का एक नशा बनाया। अब शकारी इंतज़ार नह कर सकता था! अंतत: वह तैयार हो गया।

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शिकारी का साइकिल अभियान English Version below:
Shakari’s Cycling Adventure – Based on a True Story
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